चाचा नेहरु बाल मंदिर इन्टर कॉलेज, आँवला
चाचा नेहरु बाल मंदिर इन्टर कॉलेज, आँवला
महान शिक्षा अनुरागी, त्यागमूर्ति, समाजसेवी एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक श्री राम रक्षपाल शर्मा द्वारा स्थापित क्षेत्र के शैक्षिक विकास को समर्पित तथा अपने उत्कृष्ट अनुशासन के लिए ख्याति प्राप्त संस्था.
महान शिक्षा अनुरागी, त्यागमूर्ति, समाजसेवी एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक श्री राम रक्षपाल शर्मा द्वारा स्थापित क्षेत्र के शैक्षिक विकास को समर्पित तथा अपने उत्कृष्ट अनुशासन के लिए ख्याति प्राप्त संस्था.
"हम" चाचा नेहरु बाल मंदिर इन्टर कालेज, जनपद बरेली के तहसील मुख्यालय आँवला में स्थित रहकर वर्ष १९६४ से अनवरत स्थानीय विद्यार्थियों के सैद्धांतिक, मानसिक एवं चारित्रिक विकास में अपना योगदान देते हुए स्वयं को गौरवान्वित अनुभव करते हैं, हमारी स्थापना २७ जून १९६४ को इस एतिहासिक नगर कि पवित्र भूमि पर अवतरित एक महान शिक्षा अनुरागी, त्यागमूर्ति, समाजसेवी, कुशल प्रशासक एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक स्व. श्री राम रक्षपाल शर्मा द्वारा नगर के ही सम्मानित नागरिक एवं चिकित्सक स्व. बी. एम. मित्तल जी के सहयोग से 'चाचा नेहरु बाल मंदिर' के रूप में मात्र ६ विद्यार्थियों के साथ की गई थी. आपके सतत प्रयासों से विद्यालय अल्पकाल में क्रमशः विकास के सोपानो को पार करते हुए १९६४ में प्राइमरी, १९७१ में जूनियर तथा १९७४ में हाई स्कूल स्तर की मान्यता प्राप्त कर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के रूप में विकसित हुआ, साथ ही १९८० में सरकार द्वारा इसे वेतन वितरण अधिनियम के अंतर्गत अनुदान सूची में सम्मिलित कर लिया गया तदोपरांत हमें वर्ष १९९२ में इण्टर साहित्य वर्ग, १९९६ में वाणिज्य वर्ग तथा १९९८ में विज्ञान वर्ग की मान्यता प्राप्त हुई. आज हमारे पास एक सुन्दर सुसज्जित ६४ कमरों से युक्त एक वहुमंजिला भवन उपलव्ध है. हमारे संस्थापक आज हमारे बीच नहीं हैं परन्तु हम उनकी वास्तविक सोच को क्रियान्वित करने को प्रतिपल प्रयासरत ही नहीं अपितु वचनबद्ध हैं. आज जबकि हम खुद को एक बटबृक्ष के समान्तर पाते हैं तब अनायास ही वे सब स्मृतियाँ अर्थात वो सब चेहरे जिनका हमारे इस रूप को गढ़ने में अभूतपूर्व योगदान रहा है सजीव हो उठते हैं.
"हम" चाचा नेहरु बाल मंदिर इन्टर कालेज, जनपद बरेली के तहसील मुख्यालय आँवला में स्थित रहकर वर्ष १९६४ से अनवरत स्थानीय विद्यार्थियों के सैद्धांतिक, मानसिक एवं चारित्रिक विकास में अपना योगदान देते हुए स्वयं को गौरवान्वित अनुभव करते हैं, हमारी स्थापना २७ जून १९६४ को इस एतिहासिक नगर कि पवित्र भूमि पर अवतरित एक महान शिक्षा अनुरागी, त्यागमूर्ति, समाजसेवी, कुशल प्रशासक एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक स्व. श्री राम रक्षपाल शर्मा द्वारा नगर के ही सम्मानित नागरिक एवं चिकित्सक स्व. बी. एम. मित्तल जी के सहयोग से 'चाचा नेहरु बाल मंदिर' के रूप में मात्र ६ विद्यार्थियों के साथ की गई थी. आपके सतत प्रयासों से विद्यालय अल्पकाल में क्रमशः विकास के सोपानो को पार करते हुए १९६४ में प्राइमरी, १९७१ में जूनियर तथा १९७४ में हाई स्कूल स्तर की मान्यता प्राप्त कर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के रूप में विकसित हुआ, साथ ही १९८० में सरकार द्वारा इसे वेतन वितरण अधिनियम के अंतर्गत अनुदान सूची में सम्मिलित कर लिया गया तदोपरांत हमें वर्ष १९९२ में इण्टर साहित्य वर्ग, १९९६ में वाणिज्य वर्ग तथा १९९८ में विज्ञान वर्ग की मान्यता प्राप्त हुई. आज हमारे पास एक सुन्दर सुसज्जित ६४ कमरों से युक्त एक वहुमंजिला भवन उपलव्ध है. हमारे संस्थापक आज हमारे बीच नहीं हैं परन्तु हम उनकी वास्तविक सोच को क्रियान्वित करने को प्रतिपल प्रयासरत ही नहीं अपितु वचनबद्ध हैं. आज जबकि हम खुद को एक बटबृक्ष के समान्तर पाते हैं तब अनायास ही वे सब स्मृतियाँ अर्थात वो सब चेहरे जिनका हमारे इस रूप को गढ़ने में अभूतपूर्व योगदान रहा है सजीव हो उठते हैं.
स्व. श्री राम रक्षपाल शर्मा
स्व. श्री राम रक्षपाल शर्मा
संस्थापक
श्री पंकज कुमार शर्मा
श्री पंकज कुमार शर्मा
प्रबंधक